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Sunday, April 8, 2018

आरओ-एआरओ परीक्षा 2017 की परीक्षा हुई सम्पन्न, लेकिन सीबीसीआइडी जांच में फंसी 2016 की आरओ-एआरओ परीक्षा

पेपर लीक मामला
■ लखनऊ में न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुई थी एफआइआर

■ सीबीसीआइडी 15 माह में भी पूरी नहीं हुई जांच, निस्तारण का इंतजार


इलाहाबाद : समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी के 465 पदों पर नियुक्ति पाने के लिए इस बार लाखों अभ्यर्थियों में कड़ी प्रतिस्पर्धा है। ने रविवार को आरओ-एआरओ 2017 की प्रारंभिक परीक्षा (सामान्य/विशेष चयन) करायी, जिसमें 340121 अभ्यर्थियों ने शामिल होकर अपनी दावेदारी प्रस्तुत की। कुल 533447 आवेदनों के सापेक्ष दो पालियों में हुई परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की यह तादाद 63.76 फीसद है।


प्रदेश के 21 जिलों में बनाये गए 1146 केंद्रों पर परीक्षा सुबह 9:30 से 11:30 बजे तक और दोपहर 2:30 से 3:30 बजे तक हुई। परीक्षा को सकुशल और निर्विवाद संपन्न कराने के लिए आयोग ने तगड़े इंतजाम किए थे। 


परीक्षा कक्षों में सीसीटीवी कैमरे से अभ्यर्थियों और कक्ष निरीक्षकों की गतिविधियों पर नजर बनाये रखी गई। इलाहाबाद और वाराणसी सहित कुछ अन्य जिलों में मामूली अव्यवस्था भी रही। वाराणसी में एक ही कक्षा में मानक से अधिक अभ्यर्थियों को बैठा दिया गया।



 सूत्र बताते हैं कि वाराणसी के एक परीक्षा केंद्र के कक्ष संख्या सात और आठ में उत्तर पुस्तिका जमा करने का समय पूरा होने के बाद भी ओएमआर शीट भरी जाती रही। एक घंटे के अंतराल में बेल नहीं बजायी गई। आरओ-एआरओ परीक्षा 2017 में आयोग ने पहली बार माइनस मार्किंग की व्यवस्था लागू की है, जिससे अभ्यर्थियों की ओर से टिक किये गए प्रत्येक गलत उत्तरों पर .33 नंबर काटे जाएंगे। इसके अलावा इस परीक्षा में आवेदन के लिए कंप्यूटर के ‘ओ’ लेवल प्रमाण पत्र को भी अनिवार्य अर्हता में शामिल किया गया था। आयोग के सचिव जगदीश ने कहा कि सभी जिलों में परीक्षा शांतिपूर्ण और सकुशल संपन्न हुई। सील की हुई उत्तर पुस्तिका जल्द ही आयोग में जमा होगी।


इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग ने रविवार को आरओ-एआरओ परीक्षा 2017 का ‘श्री गणेश’ तो कर दिया लेकिन, सत्र 2016 की परीक्षा अभी विवादों से ही घिरी है। कुल 361 पदों पर भर्ती के लिए हुई इस परीक्षा का पेपर लीक होने पर लखनऊ में तीन जनवरी 2017 को एफआइआर दर्ज हुई थी। जांच अभी सीबीसीआइडी पूरी नहीं कर सकी है। इस परीक्षा के लाखों अभ्यर्थियों के सामने यह स्थिति भी स्पष्ट नहीं की जा रही है कि इसका निस्तारण कब तक और कैसे होगा।


उप्र लोक सेवा आयोग ने आरओ-एआरओ 2016 की प्रारंभिक परीक्षा प्रदेश के 21 जिलों में 27 नवंबर 2016 को कराई थी। उसी दिन इसका पेपर लीक हुआ था और वाट्सएप पर वायरल भी हो गया था। कई अभ्यर्थियों ने पेपर लीक होने के साक्ष्य भी आयोग को दिए थे लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष ने पेपर लीक होने और साक्ष्य को मानने से भी इन्कार कर दिया था। अभ्यर्थियों के लाख विरोध के बावजूद आयोग अपनी जिद पर अड़ा रहा तो लखनऊ के हजरतगंज थाने में आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने पेपर लीक होने की एफआइआर दर्ज कराई थी।



यह मुकदमा तीन जनवरी को न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने दर्ज किया था। आरओ-एआरओ 2016 की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुए 203261 अभ्यर्थियों को आज भी आयोग से परीक्षा की स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार है। अभ्यर्थियों को इस पर काफी हैरानी है कि पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीसीआइडी 15 महीने में भी पूरी नहीं कर सकी।

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