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Saturday, March 24, 2018

चार स्तरीय प्रक्रिया से ही रुकेंगे प्रश्नों के विवाद, हाईकोर्ट विशेषज्ञों के चयन पर उठा चुका सवाल

इलाहाबाद : सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती के पहले ही टीईटी 2017 के प्रश्न व उत्तरकुंजी जारी होने का विवाद इन दिनों सुर्खियों में है। ऐसे ही उप्र लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न और उसकी उत्तरकुंजी को लेकर तमाम विवाद हो चुके हैं। यहां तक कि हाईकोर्ट भी विशेषज्ञों के चयन और उनके कार्य पर सवाल उठा चुका है, फिर भी इस ओर बड़े बदलाव न करके आयोग उत्तरकुंजी जारी करने के साथ ही प्रश्न डिलीट कर रहा है।



इस दिशा में आयोग ने निर्णय लेकर नए निर्देश भी जारी किए हैं लेकिन, उनका अनुपालन सही से न होने से विवाद रुक नहीं रहे हैं। आयोग में आमतौर पर प्रश्नपत्र तैयार करने वाले ही उत्तरकुंजी भी जारी करते रहे हैं और आपत्तियां आने पर वही उनका निर्णय करते थे लेकिन, पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष डा. सुनील कुमार जैन के कार्यकाल में इस व्यवस्था में बदलाव करके चार चरण तय हुए।


निर्देश हुआ कि प्रश्नपत्र तैयार करने वाले विशेषज्ञ उत्तरकुंजी जारी नहीं करेंगे, बल्कि इसके लिए अलग विशेषज्ञ टीम कार्य करेगी। जो आपत्तियां आएंगी उस पर अलग विशेषज्ञ मंथन करके निर्णय देंगे, यदि फिर भी विवाद रहता है तो आपत्तियों पर अलग विशेषज्ञों की राय अनिवार्य रूप से ली जाएगी। इस प्रक्रिया से आपत्तियों के आयोग स्तर पर ही निस्तारण का रास्ता बना साथ ही कोर्ट के निर्देश का अनुपालन भी हुआ।



यही नहीं इस कार्य से पारदर्शिता के साथ ही आयोग की साख अभ्यर्थियों के बीच बढ़ती। कुछ दिन तक इन निर्देशों का अनुपालन जरूर हुआ लेकिन, इधर फिर पुराने र्ढे पर प्रश्न डिलीट करने का सिलसिला चल पड़ा है। इससे परीक्षार्थियों का नुकसान हो रहा है और उसका असर मेरिट पर भी पड़ रहा है, क्योंकि उस प्रश्न पर समान अंक या फिर उसकी गिनती न होने से प्रश्न हल करने वालों का नुकसान होता है।

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