इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने उप्र लोकसेवा आयोग से 2013 में हुई कृषि तकनीकी सहायक भर्ती परीक्षा में आरक्षण नियमों के बदलाव पर जवाब दाखिल न होने पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव नियुक्ति व कार्मिक को 10 हजार रुपये हर्जाना राशि जमा करने की शर्त के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुनवाई नौ अप्रैल को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला ने कुशीनगर के दिलीप कुमार की याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता घनश्याम मौर्य ने बहस की। कोर्ट ने ढाई साल बाद बार-बार समय दिए जाने, हर्जाना राशि दोगुनी करने के बावजूद जवाब दाखिल न करने के जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी भी मांगी है। याची का कहना है कि 2013 में कृषि तकनीकी सहायक भर्ती परीक्षा में आरक्षण नियमों में बदलाव कर आरक्षित कोटे की सीटों में भारी इजाफा किया गया। परीक्षा उप्र लोकसेवा आयोग ने कराई थी। आरक्षण में बदलाव की वैधता पर कोर्ट ने उप्र लोकसेवा आयोग व राज्य सरकार से जवाब मांगा। आयोग के सचिव ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि आरक्षण तय करना सरकार का काम है। कोर्ट ने राज्य सरकार से 30 सितंबर 2015 को जवाब मांगा था।
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