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Thursday, February 15, 2018

SSC के अभ्यर्थियों को शिकार बना रहे जालसाज, एमटीएस (गैर तकनीकी) परीक्षा ठगों के निशाने पर

इलाहाबाद : कर्मचारी चयन आयोग से होने वाली एमटीएस (गैर तकनीकी) परीक्षा ठगों के निशाने पर है। अभ्यर्थियों को प्रलोभन देकर ठगने के दो महीने में दो बड़े मामले सामने आने पर आयोग के अधिकारी हतप्रभ हैं। इनमें बिहार की एक महिला अभ्यर्थी को जाली नियुक्ति प्रमाणपत्र देने का मामला अभी पुलिस की जांच प्रक्रिया में है तो अब रायपुर (छत्तीसगढ़) में कई अभ्यर्थियों से उनके प्राप्तांक बढ़वाने के नाम पर वसूली का पता चला है।


एसएससी यानि कर्मचारी चयन आयोग ने मल्टी टास्किंग स्टाफ (गैर तकनीकी) परीक्षा 2016 भर्ती में टियर-प्रथम का परिणाम 15 जनवरी 2017 को ही जारी किया है। इसकी फाइनल उत्तर कुंजी भी जारी हो चुकी है। टियर-द्वितीय की परीक्षा क्वालीफाइंग है। एसएससी के मध्य प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत रायपुर में इस परीक्षा के कई अभ्यर्थियों को नंबर बढ़वाने का प्रलोभन देकर ठगने के कई मामले प्रकाश में आने पर आयोग मुख्यालय से लेकर अन्य क्षेत्रीय कार्यालयों तक हड़कंप मचा है।


आयोग ने अभ्यर्थियों को आगाह किया है कि कुछ असामाजिक तत्व परीक्षा में नंबर बढ़वाने के नाम पर पैसे ऐंठ रहे हैं और बाकायदा पैसे जमा करने के लिए बैंक खाते के नंबर तक दिए जा रहे हैं। जो कि पूरी तरह से जालसाजी है। आयोग ने इस जालसाजी के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट भी करा दी है। अभ्यर्थियों से कहा गया है कि परीक्षाएं पूरी तरह से पारदर्शी और मेरिट के आधार पर होती हैं। एमटीएस टियर-द्वितीय क्वालीफाइंग स्तर की परीक्षा है इसलिए प्राप्तांकों पर ज्यादा असर नहीं पड़ता।



गौरतलब है कि इससे पहले भी कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन असीम खुराना के नाम और फर्जी सील से बिहार की एक महिला अभ्यर्थी जिज्ञासा भारती को किसी ने एमटीएस (गैर तकनीकी) परीक्षा के तहत ही नियुक्ति पत्र दिया था। 29 दिसंबर 2017 को जारी इस नियुक्ति पत्र के आधार पर अभ्यर्थी जब एसएससी के मध्य क्षेत्र कार्यालय में क्लर्क पद पर नियुक्ति लेने पहुंची तो मामला पकड़ में आया। आयोग ने उस दौरान ही पुलिस अधिकारियों को लिखित रूप से जानकारी दी थी।

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