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Friday, February 23, 2018

आयोग की हर एक शिकायत की फाइल खोलेगी सीबीआइ, भर्तियों की जांच और प्रदेश भर से इंसाफ की उम्मीद लेकर आ रहे प्रतियोगियों के लिए राहत भरी खबर

 इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग की मनमानी से पीड़ित प्रतियोगियों के हौंसले मजबूत रहें, इसलिए सीबीआइ अब हर एक शिकायती पत्र का संज्ञान लेगी और उनकी अलग फाइल खोली जाएगी। पीड़ित प्रतियोगियों को न्याय दिलाने में सीबीआइ अहम किरदार निभाएगी। आयोग में हो रही भर्तियों की जांच और उस संबंध में प्रदेश भर से इंसाफ की उम्मीद लेकर आ रहे प्रतियोगियों के लिए यह राहत भरी खबर हो सकती है। 



एसपी राजीव रंजन के नेतृत्व में सीबीआइ टीम इन दिनों आयोग की पांच साल के दौरान हुई सभी भर्तियों की प्रारंभिक जांच कर रही है। परीक्षाओं से संबंधित कंप्यूटरों में फीड डाटा को सीबीआइ के साथ आए फोरेंसिक साइंस और कंप्यूटर विशेषज्ञ इमेजिंग स्कैन कर अपनी हार्ड डिस्क में ट्रांसफर कर रहे हैं, ताकि उनकी इत्मीनान से तफ्तीश हो सके। वहीं, गोविंदपुर में खुले सीबीआइ के कैंप कार्यालय में अन्य जिलों से भी प्रतियोगी पहुंचकर अपनी व्यथा बता रहे हैं। ई-मेल ही नहीं, हार्ड कापी में भी सैकड़ों प्रार्थना पत्र सीबीआइ को मिले हैं, जिन्हें रजिस्टर पर बाकायदा दर्ज कर उसका पंजीकरण नंबर भी दिया जा रहा है।



 सीबीआइ की योजना इन सभी शिकायती पत्रों से भर्तियों में धांधली के साक्ष्य एकत्र करना ही नहीं बल्कि योग्य उम्मीदवारों को भविष्य में न्याय भी दिलाना है। जांच टीम की मानें तो इनमें जितनी भी शिकायतें जायज दिख रही हैं उन सभी पर जांच शुरू कर आयोग से परीक्षा उत्तीर्ण करने के योग्य प्रतियोगियों का भविष्य अंधकारमय करने का हिसाब मांगेंगे।



■ पश्चिमी जिलों के प्रतियोगी उदासीन : सीबीआइ के सूत्रों की मानें तो कैंप कार्यालय में शिकायत लेकर आने वाले अधिकांश प्रतियोगी प्रदेश के पूर्वी और मध्य क्षेत्र तथा लखनऊ और इसके आसपास के जिलों के हैं। पश्चिमी जिलों से अब तक कुछ गिनी चुनी शिकायतें ही आई हैं। जबकि जिस तरह से आयोग में भर्तियों में हुई धांधली की बात सामने आ रही है उससे प्रतीत होता है कि भर्तियों में मनमानी से प्रदेश के सभी हिस्सों में रहने वाले मेधावी पीड़ित हुए हैं।


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