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Monday, February 26, 2018

सीबीआइ जांच के बहाने परीक्षाएं टालने का आरोप, मांगों को लेकर प्रतियोगियों ने दिया ज्ञापन

इलाहाबाद : सीबीआइ जांच रोक पाने में विफल हुए उप्र लोकसेवा आयोग के पास अब कार्य में व्यवधान उत्पन्न होने के बहाने हैं। कई परीक्षाएं टाल दी गई हैं और बैकलॉग के परिणाम भी जारी करने में आयोग की लेटलतीफी बढ़ गई है। दिक्कतों के मद्देनजर सोमवार को प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने सचिव जगदीश से मुलाकात की। जिसमें विभिन्न मुद्दों को रखते हुए पदाधिकारियों ने आयोग में आपत्ति जताई। वहीं सचिव से कहा कि सीबीआइ जांच में जो अधिकारी या कर्मचारी सहयोग नहीं कर रहे हैं उन्हें चिह्न्ति कर शासन को अवगत कराएं।




समिति के पदाधिकारियों ने सचिव को जो ज्ञापन दिया है उसमें कहा है कि परीक्षाओं के टाले जाने से गलत संदेश जा रहा है। इसके लिए अध्यक्ष और सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सीबीआइ जांच में सहयोग के साथ यह समिति अगर परीक्षाएं संपन्न नहीं करा सकती तो उसका पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। अध्यक्ष और सदस्यों से इस्तीफा लिया जाए। इन्कार किए पर सचिव उनके खिलाफ विधिक कार्यवाही की अनुशंसा करें। दोषी पाए जाने पर आयोग से यदि किसी की जेल जाने की स्थिति बनती है तो उस दरम्यान भी ऐसी व्यवस्था करें कि परीक्षा या परिणाम संबंधी किसी कार्य में व्यवधान उत्पन्न न होने पाए।



■ प्रतियोगियों की रहीं मांगें : परीक्षा कार्यक्रम बनाते समय अन्य आयोगों के परीक्षा कार्यक्रम को ध्यान में रखा जाए।’आरओ/एआरओ 2016 में पेपर लीक प्रकरण की सीबीआइ जांच के लिए शासन से अनुरोध करें।’


● पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा का फार्म भरने से वंचित अभ्यर्थियों को अतिरिक्त समय दिया जाए।’

● साक्षात्कार के समय नवजात शिशुओं को लेकर आयोग आने वाली महिलाओं को कैंपस में शिशुओं को लेकर जाने की अनुमति दी जाए।

● ’आगामी परीक्षाओं में यूपीएससी की तर्ज पर स्केलिंग प्रणाली को अपनाया जाए।’

● प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से केंद्र आवंटन का विकल्प लिया जाए।’

● सीधी भर्ती में केवल साक्षात्कार की व्यवस्था खत्म कर लिखित परीक्षा कराई जाए। लिखित परीक्षा का अंक साक्षात्कार में जोड़कर अंतिम परिणाम जारी किया जाए।





■ शासन के निर्णय पर होगा अमल  : 

आयोग के सचिव जगदीश ने कहा कि सीबीआइ जांच से कोई परीक्षाएं प्रभावित नहीं होने पाएंगी। सीधी भर्ती पर शासन के निर्णय पर अमल किया जाएगा। समीक्षा अधिकारी 2016 के पेपर लीक प्रकरण की सीबीआइ जांच के लिए आयोग शासन को पत्र नहीं लिखेगा। शासन चाहे तो जांच कराए। महिलाओं को नवजात शिशुओं को लेकर कैंपस में आने की छूट होगी और जो अभ्यर्थी पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा का फार्म भरने से वंचित रह गए हैं उन पर परीक्षा समिति विचार कर रही है। 


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