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Wednesday, February 21, 2018

सीबीआई ने कब्जे में ली परीक्षा की ओएमआर शीट, मिले प्रारंभिक परीक्षाओं की शीट से छेड़छाड़ के संकेत

सीबीआई ने कब्जे में ली परीक्षा की ओएमआर शीट, मिले प्रारंभिक परीक्षाओं की शीट से छेड़छाड़ के संकेत।


इलाहाबाद : भर्तियों की जांच के लिए उप्र लोकसेवा आयोग पहुंचे सीबीआइ के फोरेंसिक व कंप्यूटर विशेषज्ञों ने अधिकांश कंप्यूटरों को फिर अपने कब्जे में ले लिया है। इन कंप्यूटरों की डाटा स्कैनिंग लगातार जारी है। कुछ अभिलेख भी लिए जा रहे हैं। बुधवार को पीसीएस परीक्षा की ओएमआर शीट मांगने को लेकर सीबीआइ अफसर और आयोग के एक उच्चाधिकारी के बीच तनातनी हो गई, कुछ देर बाद मामला शांत हो गया।


पांच साल के दौरान आयोग से हुई सभी भर्तियों के अधिकांश डाटा कंप्यूटरों में ही हैं। सीबीआइ ने एक से नौ जनवरी तक गोपन विभाग के कंप्यूटरों से डाटा अपनी डिवाइस में ट्रांसफर किए थे। सोमवार को फिर आयोग पहुंचे फोरेंसिक और कंप्यूटर विशेषज्ञों ने सभी परीक्षाओं के पटल संबंधित कंप्यूटर से स्कैनिंग शुरू की। टीम आयोग के कंप्यूटरों से भी डाटा स्कैन कर रही है। बुधवार को सीबीआइ अफसरों ने पीसीएस 2015 (मुख्य) व प्रारंभिक परीक्षा के कुछ अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट मांगी तो एक बड़े अधिकारी से तनातनी हो गई। ओएमआर शीट दिखाने की अनुमति देने से उक्त अधिकारी ने पहले मना किया। इस पर सीबीआइ अफसरों से बहस हुई। सीबीआइ अपने उद्देश्य में कामयाब हो गई। ओएमआर शीट में व्यापक रूप से हेरफेर होने का अंदेशा है। 


अभ्यर्थियों की ओर से मिले साक्ष्य के आधार पर टीम ने ओएमआर मांगी गई है। बुधवार देर शाम तक सीबीआइ के अफसर आयोग में ही डटे रहे। कई परीक्षाओं के कंप्यूटर रिकार्ड लेने में सीबीआइ को तीन से चार दिन और लगने की संभावना है। आयोग सचिव जगदीश ने कहा है कि सीबीआइ से कोई तनातनी नहीं हुई। आयोग का निर्णय है कि जांच में सहयोग करेंगे। जितनी जानकारी सीबीआइ अफसर मांग रहे हैं उन्हें उपलब्ध कराई जा रही है। कंप्यूटरों के अलावा कागजी अभिलेख भी मांग के अनुरूप दिए जा रहे हैं। अन्य जो जानकारी सीबीआइ मांगेगी उसे उपलब्ध कराया जाएगा।


■ पीसीएस परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट मांगने पर एक उच्चाधिकारी से तनातनी

■ आयोग ने बताया अफवाह, जांच टीम को कर रहे सभी सहयोगवर्षो से जमे कर्मचारी निशाने पर


आयोग के गोपन विभाग सहित अन्य विभागों में कई वर्षो से जमे अधिकारी और कर्मचारियों के कंप्यूटर सीबीआइ के निशाने पर हैं। उन कर्मचारियों पर सीबीआइ को अधिक संदेह है जिनकी तैनाती एक ही पटल पर 10-15 वर्षो से है।


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