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Saturday, January 6, 2018

कमान संभालने के लिए पूर्व आइएएस और विभागीय अधिकारियों में रस्साकशी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड व उच्चतर आयोग के पुनर्गठन का मामला

■  अध्यक्ष ही नहीं सदस्य पद के लिए भी आवेदकों की भरमार, निर्णय अगले हफ्ते


इलाहाबाद : भर्ती आयोगों के पुनर्गठन में देरी की सबसे बड़ी वजह दावेदारों की भीड़ है। गिने-चुने पदों के लिए बड़ी संख्या में आवेदन हुए हैं। कई पूर्व आइएएस व विभागीय अफसर भी अध्यक्ष पद काबिज होने को जोड़-तोड़ कर रहे हैं। इससे चयन में परेशानी हो रही है। 



आवेदनों की छंटनी के बाद भी फेहरिश्त लंबी है, इसके लिए अगले सप्ताह बैठक हो रही है, उसी में सभी पर विचार करके अंतिम निर्णय करने की तैयारी है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग उप्र का पुनर्गठन होना है। इन आयोगों के अध्यक्ष व सदस्यों के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। तीन महीनों में दो बार आवेदन मांगे जाने से दावेदारों की संख्या प्रतियोगी परीक्षा सरीखी बढ़ गई है। इसीलिए अहम पदों पर सही शख्स का चयन करने में परेशानी हो रही है। 




चयन बोर्ड व उच्चतर आयोग में इसके पहले पूर्व आइएएस को अध्यक्ष बनाया गया था, ऐसे में कई पूर्व आइएएस फिर इस पद पर काबिज होने को तैयार हैं। वहीं, विभागीय अफसर भी अहम पद पाना चाहते हैं। शिक्षा महकमे के एक बड़े अफसर की सेवानिवृत्ति जल्द है, उन्होंने रिटायर होने से पहले ही भविष्य की योजना बना डाली है। एक भर्ती आयोग के अध्यक्ष पद पर उन्हें भी अहम दावेदार माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि चयन में अंतिम मुहर वरिष्ठ आइएएस लगाते हैं, ऐसे में पूर्व आइएएस को ही अध्यक्ष पद फिर देने की मांग उठ रही है। पूर्व अधिकारियों में तमाम चर्चित नाम दावेदारों की फेहरिश्त में हैं। वहीं, आयोगों के अहम पदों पर पहले रह चुके विभागीय लोग भी फिर से काबिज होने को बेताब हैं। अध्यक्ष ही नहीं सदस्य पदों के लिए भी दावेदारों की संख्या अधिक है। 



शासन ने दोनों पदों तमाम आवेदनों को पहली ही निगाह में किनारे कर दिया है। अगले हफ्ते इन पदों पर मुहर लगाने को अहम बैठक होने जा रही है। उसमें छांटे गए नामों की विधिवत स्क्रीनिंग होगी और आयोग वार अध्यक्ष व सदस्यों का चयन होगा। उस पर फिर शासन व सरकार अंतिम मुहर लगाएगी। यह प्रक्रिया अगले कुछ हफ्तों में पूरी करने का लक्ष्य है, इसीलिए होने वाली बैठक को गोपनीय रखा गया है।


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