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Friday, December 15, 2017

प्रशासनिक सेवाओं के लिए वेद भाषा की लगेगी पाठशाला, संस्कृत विषय पढ़कर भी बन सकते हैं आइएएस

6:12:00 PM

यदि आप आइएएस अधिकारी बनना चाहते हैं तो अंग्रेजी व हंिदूी के साथ ही संस्कृत को ऐच्छिक विषय बनाकर आप परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इससे न केवल वेद भाषा संस्कृत को जानने का मौका मिलेगा, बल्कि भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने में भी आप योगदान कर सकेंगे।

विकास के साथ ही अपनी संस्कृति और संस्कार को बचाने की चुनौती जहां मुंह बाए खड़ी है वहीं दूसरी ओर वेद भाषा संस्कृत को पुराणों से निकालकर आधुनिकता के साथ ले चलने की चुनौती भी कम नहीं है। गोमतीनगर के राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (मानित विश्वविद्यालय) ने संस्कृत के विकास के साथ ही संस्कारों को जीवंत करने की एक नई मुहिम शुरू करने की तैयार कर रहा है। प्रशासनिक सेवाओं (आइएएस-आइपीएस व पीसीएस) की परीक्षा में संस्कृत को ऐच्छिक विषय के रूप में चुनने के लिए युवाओं को जागरूक किया जाएगा।

जनवरी से होगी संस्कृत की पाठशाला : प्रशासनिक सेवाओं में संस्कृत को समृद्ध बनाने और परीक्षा में संस्कृत में अधिक नंबर पाकर उच्च रैंक हासिल करने के लिए जनवरी से पाठशाला लगेगी। तीन महीने की पाठशाला में विषय विशेषज्ञों और मनोचिकित्सकों की ओर से काउंसिलिंग भी की जाएगी। काउंसिलिंग में राजधानी ही नहीं देश के हर प्रदेश के विद्यार्थी न केवल वेद भाषा संस्कृत का ज्ञान अर्जित कर सकेंगे, बल्कि आधुनिक संसाधनों के माध्यम से पौराणिक भाषा की विशेषताओं से भी रुबरू हो सकेंगे। यह पाठशाला निश्शुल्क होगी।

गोमती नगर स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान की पौराणिक भाषा की विशेषताओं से भी हो सकेंगे रुबरू ज्ञान के साथ मिलता है संस्कार ज्ञान के साथ मिलता है संस्कार सभी भाषाओं को अपने अंदर समाहित करने वाली वेद भाषा संस्कृत से न केवल ज्ञान की प्राप्ति होती है बल्कि संस्कार भी मिलते हैं। मैने तो हाईस्कूल तक ही संस्कृत पढ़ा था, लेकिन मेरी संस्कृत भाषा को लेकर रुचि कभी कम नहीं हुई। प्रशासनिक सेवाओं में कम समय में अधिक नंबर पाने के लिए संस्कृत विषय गणित से कम नहीं है। अंग्रेजी और संस्कृत दोनों की अपनी-अपनी पहचान है। वर्ष 2014 के बैच में मुङो आइपीएस बनने में संस्कृत का विशेष योगदान रहा है। डॉ. मीनाक्षी कात्यायन, आइपीएस अधिकारी संस्कृत के प्रति युवाओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। जनवरी के अंतिम सप्ताह में तीन महीने की निश्शुल्क कार्यशाला प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए होगी। कोई भी कार्यशाला में हिस्सा ले सकता है। डॉ. पवन दीक्षित, कोआर्डिनेटर।

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