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Sunday, January 8, 2017

अच्छी नौकरी चाहिए तो, Resume में जरुर लिखें यह बातें

नई दिल्ली :  कई लोगों के साथ अक्सर यह होता है कि पढ़े लिखे होने  और एक्सपीरियस होने के बावजूद जब भी हम कोई नयी और बेहतर नौकरी लेने जाते हैं तो नहीं मिलती? आप में सब गुण हैं जो एक नौकरी के लिए चाहिए फिर भी आपको कंपनी से इंटरव्यू के लिए बुलावा नहीं आता? आप से कम तजुर्बे वाले या पढ़े-लिखे आदमी को नैकरी मिल गयी, लेकिन आपको नहीं मिली?

अगर आप की भी ऐसी ही कुछ समस्याए हैं तो समझ लीजिये कि कोई ना कोई कमी आप ही की तरफ़ से है। ख़ास तौर पर यह कमी एक बायोडाटा में ही होती है । किसी भी कंपनी के पास रोज़ हज़ारों बायोडाटा पहुँचते हैं और एक रिसर्च के अनुसार उनके अफ़सर एक बायोडाटा पर अंदाजा सिर्फ 45 सेकंड ही लगाते हैं उसे परखने के लिए। अब आपका बायोडाटा इतना कमाल का होना चाहिए कि उतनी सी देर में आपकी एक बेहतर छवि बना दे ताकि आपको इंटरव्यू के लिए फ़ोन आ जाए। आज हम आपको बता रहे है एेसी ही कुछ बातों के बारे में जो आपके बायोडाटा में जरुरी होनी चाहिए

अनुभव
काम का एक्सपीरियंस बहुत ज़रूरी है लेकिन उस से भी ज़रूरी है कि जिस नौकरी के लिए बायोडाटा भेज रहे हैं, उसकी ज़रूरतों के अनुसार आपका एक्सपीरियंस हो । उसे पेश भी उसी तरह से किया जाए मान लीजिये सेल्स की नौकरी है तो सेल्स से मिलता जुलता अनुभव बायोडाटा में मुख्य रूप से डालिये, बाकी किसी और काम का अनुभव है तो उसे ज़्यादा तूल मत दीजिये।




स्किल्स
आजकल की बदलती दुनीया में, हर कंपनी यह चाहती है कि उसके कर्मचारियों के पास कुछ ऐसी स्किल्स हों जो उन्हें दूसरों से अलग कर दें।  जैसे कि कंप्यूटर की स्किल्स या कोई ऐसा ख़ास कोर्स आपने किया जो आपकी नौकरी में आपके काम आ सकता हो, उन्हें ज़रूर बायोडाटा में लिखिए।

उपलब्धियां
अपनी उपलब्धियों को हलके शब्दों में मत लिखिए बल्कि विस्तार से उनकी गहरायी में जाकर बताईये । एम्प्लॉयर यह जानने को उत्सक होते हैं कि अपनी पिछली नौकरी में आपने क्या जलवा दिखाया।  जैसे कि अगर आप सेल्स में हैं तो बताईये कि आपने कितना टारगेट पूरा किया, कंपनी की सेल को कहाँ से कहाँ पहुँचाया, कितने पैसे कंपनी के बचाये और ऐसी बातें जिनसे उन्हें अंदाज़ा लग सके कि आपकी उपलब्धियाँ सिर्फ कहने के लिए नहीं हैं, उनमें दम भी है।

शिक्षा
जितनी ज़्यादा पढ़ाई, उतने ज़्यादा चान्सेस कि आपको नौकरी मिल जायेगी।  ख़ास तौर पर अगर आपकी शिक्षा ऐसे क्षेत्र में हुई है जिसकी ज़रुरत कंपनी को है। विस्तारपूर्वक उसके बारे में बायोडाटा में लिखिए और उन तारीख़ों के साथ कि कौन से साल और महीने में कौन सा कोर्स ख़त्म हुआ।

प्रेसेंटेशन
यह बहुत ही छोटी-सी बात लगती है सुनने में लेकिन असर बहुत गहरा होता है।  जब कंपनी के मैनेजर के हाथ में आपका बायोडाटा आये तो ऐसा लगना चाहिए उसे देख कर कि अप्लाई करने वाले ने वाक़ई में मेहनत की है। एक साफ़-सुथरा बायोडाटा, कंप्यूटर से टाइप किया हुआ, साफ़ कड़क कागज़ पर, आँखों पर ज़ोर ना डालने वाले फॉण्ट साइज़ में उन्हें मजबूर करेगा कि वो एक बार आपका बायोडाटा पढ़ें ज़रूर।  यह करके आधी बाज़ी मार लेंगे आप।  बाकी आधी बाज़ी इस पर निर्भर करेगी कि क्या आपकी शिक्षा और काम का एक्सपीरियंस उनकी ज़रूरतों से मेल खाता है या नहीं ।

लम्बाई
हर रोज़ हज़ारों बायोडाटा पढ़ने पढ़ते हैं कंपनी के अफसरों को और उनके पास इतना वक़्त होता नहीं कि वो लम्बे-लम्बे कहानी-सरीके बायोडाटा पढ़ें।  इसलिए बहुत ज़रूरी है कि आप अपने बायोडाटा की लम्बाई 2 पेजेज़ से ज़यादा नहीं रखें, चाहे कुछ भी हो जाए।  अगर आपका एक्सपीरियंस ज़्यादा है या पढ़ाई की सूची लम्बी है तो सिर्फ़ वही नौकरियाँ या शिक्षा के कोर्स लिखिए जो इस नौकरी के लिए ज़रूरी हों।  किसी के पास वक़्त नहीं होगा आपकी पूरी ज़िन्दगी का लेख-जोखा पढ़ने के लिए।


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